Monday, December 12, 2011

आज का सन्देश (Monday , 12 .12 .2011 )


  • कर्म करते हुए भी कर्मयोगी रहना है. ACCURACY बनी रहेगी. HOLIDAYS को सुखधाम मे मनाओ. CELEBRATE करो.
  • ऐसी कौन सी युक्ति है, जिससे जीवन सफल हो जाओ.
  • अपने जीवन को सफल बनाने के लिए तन, मन व् धन को HONESTLY से  लगायें.
प्यार और भाग्य के BALANCE से क्या प्राप्ति हो सकती है? ? ?
  • इस पर विचार कीजिये और LIFE के इस आत्मा- -परमात्मा/ / / TEACHER के मिलन को महसूस करें.
     वर्ना रामायण के कुम्भ-कर्ण का EXAMPLE याद करो.  कुम्भ-कर्ण ने इंद्र-शासन को पाने के लिए तपस्या की. लेकिन परमात्मा ने खुश होकर वरदान के लिए कहा तो देवी सरस्वती कुम्भ-कर्ण की जिव्हा पर विराजमान हो गयी. कुम्भ-कर्ण के मुख से निकला, "निंद्रा-शासन" और परमात्मा ने उसे तथास्तु कहा और चले गए. इसीलिए प्यार और भाग्य के CORRECT BALANCE से ही ज्ञान, प्यार और सुखद भाग्य मिलेगा.
  •  पतित पावन बनो और ईश्वरीय कायदे पर चलें, जीवन सबंधों मे फायदा होगा. अपने विकारों को TEACHER  की झोली मे डालकर संबंधों को सुद्रिड बनाओ.
परमात्मा/TEACHER  ज्ञान का सागर है.
ये कोई नहीं जानता, सिर्फ DUTY  समझ स्तुति करतें है,
सोचतें है,  इससे सुख पाएंगे, इस CONFUSION  मे जीतें है.
  • इस दुविधा/वैराग्य से बाहर निकलों.
"नानक दुखिया, सब संसार, के वैराग्य को समझ इसके बाहर झाकों,
तो पता चलेगा कि इस दुःख को हमने ही पैदा किया है,
समझों और सिर्फ TEACHER  के ज्ञान सागर से ज्ञान लो.

  • लोकिक, पारलोकिक और अलौकिक जानते हो सब, लेकिन भूल जातें हो. याद रखों, सब्ज पढाई कर, विकारों को ज्ञान से किनारा करो.
  • मोह पर जीत पाओ, और मोह्जीत बनो.
स्वच्छ बुद्धि, स्वच्छ दिल से चलो.
समर्पण-ता बन, अपनी बुद्धि के खजाने से सम्पन्नता भव:
मुसाफिर क्या बेईमान 

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