Friday, December 2, 2011

आज का सन्देश (FRIDAY , ०२.१२.2011 )


  • अमृत समय विशेष सर्व-शक्तियों के अनुभव स्वरूप बन योग ज्ञान को वायुमंडल मे फैलाओ. तीव्र पुरुषार्थी भव: .
  • FATHER, शिक्षक, सतगुरु ये तीन सम्बन्ध एक परमात्मा / TEACHER से है. वैसे भी जीवन मे ये तीन सम्बन्ध आवश्यक है. इससे ज्ञान व् अनुभव भी सहज मिलता है. बाप द्वारा BLESSINGS  मिलता है, शिक्षक द्वारा आप सबको कितनी ऊँची प्राप्ति होती है. शिक्षा और श्रेष्ठ पद की प्राप्ति होती है. सतगुरु द्वारा गुरु की श्रीमत मिलती है, कितना श्रेष्ठ मत मिलता है, CHECK करो.
  • कहीं मनमत, परपथ पर तो नहीं चलते है. अगर चलते है, तो ये धोखा (मनमत, परपथ) देती है.
·        अगर मनमत, परपथ पर चलते है तो इसका त्याग करें.
दो बातें हमेशा याद रखो- समय और संकल्प. 
समय कभी WASTE मत करो. 
व्यर्थ संकल्प मन में न आने दो, न मानो.
  • समय का ATTENTION बनाओ और पुरुषार्थ करो. वरना उलाहना/EXCUSE मिलता है ये समय पर नहीं मिला. इसका कारण अब जानते हो, लकिन उस समय जब जरुरत थी, भूल जातें हो.
  • कभी WASTE THOUGHT आता है, कभी TENSION आता है, उससे TEACHER की शिक्षा को भूल जातें है. स्व- मान भी भूल जातें हो.
CHECK करो कि अगर योग -शिक्षा, कर्म-शिक्षा,  
ज्ञान मे हो, तो स्व-मान मिलेगा. अनुभवी स्वरुप मिलेगा.
  • इस अनुभव को आगे बढाओ, अपने मन को मनन शक्ति मनसा सेवा मे BUSY रखो. मनन शक्ति को बढाओ, पुरुषार्थी बनोगे.
  • अगर कोई अशांति/TENSION मन मे आता है, उसे बाप-साथी-मित्र-TEACHER से SHARE करो और मन से निकाल दो.
अशांत मन पुरुषार्थी कि दृढ़ता को कम करता है, अलबेला-पन आ जाता है. 
क्या करना है? ?      
  • अपने PROGRAM /TIME TABLE मन को BUSY रखने का स्वयं बनाओ. मनन शक्ति बढेगी.
शिक्षक, सतगुरु WAIT करतें है कि आप मनन 
शक्ति को बढ़ा कर पुरुषार्थ बनेगें. क्या इसके लिए तैयार है?
  • READY है तो परमात्मा / TEACHER से मिलो. वो प्यार, शिक्षा, मनन शक्ति को तीव्र करने के मनसा, वाचा, कर्मना से ज्ञान देंगे. करते चलो, ज्ञान मे उड़ते चलो. कभी कोई पूछे, कौन है आप, तो कहिये-तीव्र पुरुषार्थी है.
तीव्र पुरुषार्थी बन सदा आगे बढना है.  
TENSION FREE बनो, मन को योग-ज्ञान मे लगाओ.
मुसाफिर क्या बेईमान 

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