- जिस समय जिस शक्ति की आवश्यकता है, उस शक्ति का आहवान करें, ये सभी शक्तियां आपके अंदर समायी हुई है, उसे व्यक्त के अपने को शांत चित रखें. e .g . किसी ने अपशब्द या गाली दे दी, तो अपने अंदर सहन की शक्ति से शांत स्वरुप मे बने रहें, कोई कुछ नहीं बिगाड़ पायेगा.
- आप अपने को शिव-शक्ति कहतें है, तो अपनी शक्तियों को परखें. जब परखने की शक्ति होगी, तभी सारी शक्तियों को शांत स्वरूप रख कार्य मे लाओगे.
- महावीर की निशानी है कि वो सम्पूर्ण शक्तियों का पुरुषार्थी बन प्रयोग करता है.
- TIME -TIME से परीक्षा आयेगी. हर AGE मे LIFE -EXAM आएंगे. आने वाले विघ्नों/समस्याओं को पहले से ही CHECK करें, LIFE -EXAM मे PASS होते जायेंगे.
- आज के वैज्ञानिक युग मे TIME से पहले ही आने वाले भूकंप, सुनामी,MISSILE ATTACK का पता समय से पहले चल जाता है तो PRECAUTIONS भी ADVANCE मे कर लेते है. इसी तरह से आप ज्ञान-योग से पुरुषार्थ को UPDATE करें और विघ्नों रुपी MISSILES को आने से पहले ही संभाल लेंगे. ADVANCE PRECAUTIONS करने से मायावी जालों से ज्ञान-योग को सुरक्षित कर पाएंगे.
- दूर से ही समस्याओं को भगा देना ही महावीर की निशानी है. आने वाले विघ्न पहले से ही पता चल जायेंगे, स्पष्ट रूप से दिखाई देंगे.
समर्पण और सर्वस्व त्यागी किसे कहतें है.
जो विकारों और विकारी वंश को त्याग के दें, वही महावीर कहलायेंगे.
जो विकारों और विकारी वंश को त्याग के दें, वही महावीर कहलायेंगे.
- महावीर की निशानी है, जब वो सम्पूर्ण समर्पण (तन, मन व् धन) कर दें और स्वयं (SELF ) पर समय लगाये, ज्ञान-योग को एकत्रित करें.
सफल करो, सफलता पाओ. यही सूक्ष्म ज्ञान महारथी का महादान है,
महादानी बनो.
- महारथियों और महावीर की सूरत और सीरत से ही पता चल जायेगा. उनकी सूरत पर प्रकाश पाओगे.
- सदा सहयोगी और सहज योगी बनो. हर संकल्प व् श्वास परमात्मा से प्रप्ति है. सहयोगी और सहज योगी की स्मृति मे हमेशा ज्ञान-योग रहता है. इसे बनायें रखें, तो वृति भी शुद्ध बनी रहती है.
आपका अलबेलेपन का कारण ज्ञान की कमी है. ज्ञान-योग करो और स्वध्याय करें.
- अगर ज्ञान-पाठशाला और बसेरे (HOME )मे कोई अज्ञानी होगा तो उसका असर आप पर पड़ेगा और वो अपनी रूहानियत को खत्म कर देता है. उस प्रभाव से बाहर निकलें. वर्ना महावीरता शनै: शने: क्षीण, कमजोर हो जाएगी. अपने ENVIRONMENT , SURROUNDING को CHECK करें और SELF -ANALYSE को स्वध्याय करें. अपनी स्मृति की ज्योति से ज्ञान-कुल का नाम रोशन करने वाले कुल-दीपक बन. अपने संकल्प को शुद्ध रखो और दूसरों को वरदान दे, वरदानी बन.
मुसाफिर क्या बेईमान
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