Tuesday, December 27, 2011

आज का सन्देश (27 दिसम्बर 2011 )


दूसरों के दोष न देखो,
अपने अंदर के दोष देखो तो निर्दोष बन जायेंगे.
  • पाप और पुण्य की परिभाषा निश्चित नहीं की जा सकती. जीवन मे संतुलन बनायें रखें और जाने-अनजाने आपकी एक भी श्वास (मन की साँस) व्यर्थ न जाये, इसलिए पाप-राह का त्याग करें.
  • आप पुरुषार्थ कर कौड़ी (BEGGER ) से हीरा (PRINCE ) बनते हो. INSOLVENT से 100 % SOLVENT बनते हो. इसलिए समय को व्यर्थ नहीं गंवाना है. हर श्वास ज्ञान-योग मे चलकर कर्म करें.
ये वक़्त जा रहा है,  
जो करना है, बनना है, कर लें, बन लें.
  • ये समय (TIME ) बहुत VALUABLE है, इस PRINCE बनने की दौड़ भाग रहे हो. इसलिए अपने हर सांस को व्यर्थ न कर, श्वासो -श्वास ज्ञान-योग मे रहना है.
  • शकों की बुनियाद रेत का ढेर है, जिस पर मजबूत BUILDING नहीं बनायीं जा सकती, हर श्वास परमात्मा की याद मे KNOWLEDGE को ATTAIN & ACHIEVE करें. समय को शकों की खोखली बुनियाद या सुनी-सुनाई बातों मे व्यर्थ न गंवाओं.
  • सामने महाभारत लड़ाई खड़ी है. इसलिए विश्वास को WASTE नहीं करना है. आपका अध्ययन ही आपकी FAMILY और पाठशाला है. LEARN MORE, ACT WISELY. महान सोभाग्यशाली ही ACCURATE दुनिया मे निवास बनायेंगे. अपनी ज्ञान-SERVICE को बढाएं, इस FAMILY के बच्चों  (STUDENTS ) का ख्याल रखें. जीवन मुक्ति के हकदार हो जायेंगे.
  •  मायाजाल मे फंस कर TIME WASTE न करें. लाइफ एक DRAMA है, इसमें POSITIVELY ROLE अदा करो, और हीरा (DIAMOND) बनो, वर्ना पत्थर बुद्धि बन NEGATIVE ROLE अदा करते हुए भटकते रह जायेंगे. 
  •  बच्चों को पहले अपना कल्याण करना है, फिर दूसरों का करना है. वर्ना दूसरे बच्चों को अपने जैसा काबिल बनातें है, लकिन खुद का ज्ञान लुप्त, गुम हो जाता है. अपना TIME ,MONEY ,ENERGY बर्बाद नहीं करना है, अपनी श्रेष्ठ स्थिति बंनानी है.
स्वभाव को सरल बनाओ तो समय व्यर्थ नहीं जायेगा.
मुसाफिर क्या बेईमान

 

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