जो समस्या स्वयं की चिन्ता और चिता बन जाये, ऐसी समस्याओं का त्याग करे.
- धेर्य-शील बने. For e.g . EXAM मे आप QUESTION PAPER को देखकर CONFUSED हो गए, और धेर्य खो दिया, ठीक से सभी QUS का ANS नहीं दे पाए. घर पर आकर दोबारा QUES PAPER देखा, तो अंत मे ये लिखा था, ANS any 2 QUESTIONS . इसलिए धेर्य मत खोईये वर्ना ANS आते हुए भी CONFUSED रहेंगे और अधीर बन जायेंगे.
जोश भरी आत्मा (इसे पढने वाला/ली) गुस्सा कर रही है, ऊँचा-ऊँचा बोल रही है,
उसके सामने ॐ शांति ---ॐ शांति ----ॐ शांति कहें.
आप अपने शांत स्वरूप का सोमाण नहीं खोएंगे,
लेकिन सामने वाली आत्म-शरीर को शांत स्वरूप मे लायेंगे.
- FULL STOP लगायें. किस पर?- - - -हम दूसरों की चिंता मे अपनी ENERGY WASTE करतें है, इतनी चिंता कि अपने शांत स्वरूप को बिगाड़ने लगतें है, इस पर FULL STOP लगायें. अपने स्वयं ---स्वयं से बातें करें, SELF -ANALYZE करें. स्वयं की स्वयं से बातचीत करने से आप अपनी PROBLEMS का SOLUTION निकाल लेंगे.
- निष्कर्ष यही है, हम अकेले शांत स्वरूप लेकर इस कलयुगी संसार मे पैदा हुए है, अकेले ही वापिस शांति-धाम जाना है. फिर SELF का चिंतन करें और शांत स्वरूप बनाये रखें.
- ज्ञान-योग से अपनी सारी परेशानियाँ को दूर करें. कहा है "जिस तन लागे, वो तन जाने". इसलिए SELF -ANALYSE करें. परमात्मा कहतें है कि मैं बच्चों को INDEPENDENT बनाने आया हूँ. स्वयं को स्वयं ही बचा पाता है.
- ये जीवन रुपी पढाई है, इसमें QUESTION in LIFE तो आते रहते है. ऐसे प्रश्नों रूपी समस्याओं के आने से पहले ही उसकी DRILL EXERCISE करें, समाधान स्वयं आ जायेगा. अपने ज्ञान-योग को स्वयं पर लागू करो और STABLE LIFE बनाओ. पुरुषार्थ करो और दूसरों की WASTE सोच को FOLLOW करना बन्द कर, उसे मुक्त करो.
- आज स्वयं की, परिवार की, समाज की समस्याएँ है, इनका समाधान ही, इन्हें ज्ञान-योग मे मुक्ति मार्ग दिखाना है. तभी सारी समस्याओं का हल निकलेगा.
- हम यहाँ औरों (DIFFERENT FRIENDS ) से बातें करतें है, समस्या का हल खोजतें है, लकिन स्वयं के अंदर झांक कर देखो, SOLUTION मिल जायेगा.स्वयं की परेशानी को किसी दूर जगह छोड़ आओ, उसे दूर ही रहने दो. स्वयं को स्वयं से सत्य बोलो, समाधान नहीं निकलता है, दोबारा स्वयं मे बैठो, सच बोल कर अपनी समस्या सत्य से बोल दें, अंदर से साफ़ नहीं बोल रहें, तो सत्य-हल कैसे निकलेगा? ? ? इससे मेरी उन्नति हुई है या अवनति हुई है, इसे CHECK करो.
जिसे मै RIGHT DECISION बोल रहा हूँ,
क्या वो सच्चाई से लिया हुआ DECISION है? ? ?
या स्वयं से झूठ बोल कर DECISION लेते हो.
तो जिस गल्त रास्ते पर चल रहे हो, उस पर ही चलेंगे.
थोडा समय SELF -STUDY के लिए निकालें,
आप स्वयं- - - स्वयं के मित्र है, स्वयं- - -स्वयं के शत्रु है.
ये समझ मै आएगा, तो सत्यता से समाधान निकलेगा. ठीक राह पाएंगे.
आप स्वयं- - - स्वयं के मित्र है, स्वयं- - -स्वयं के शत्रु है.
ये समझ मै आएगा, तो सत्यता से समाधान निकलेगा. ठीक राह पाएंगे.
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