दूसरों के सुख का कारण बनो. उनके सुख के सहयोगी मत बनो.
दूसरों के दुखों मे सहयोगी बनो, उनके दुखों का कारण मत बनो.
दूसरों के दुखों मे सहयोगी बनो, उनके दुखों का कारण मत बनो.
- दिन-रात अपने आप को अंदर से CHECK करो. हमें यह भी CHECK करना है कि किसी का अवगुण हमें TOUCH तो नहीं करता.
- PRESENT समय मे ध्यान दें कि जैसा सन्देश हम पढ़ रहें है, उसे LIFE मे USE कर USEFUL बने.
- आपस मे भी प्यार भरी रूह-रिहाण करने से मेरी उन्नति होगी. इससे सब संकल्पों की पूर्ति करें.
इस कलयुग मे आप बच्चें ऐसा कौन सा शुभ कार्य करतें है, जो हर कोई नहीं करतें?
पवित्र बनना और बनाना सबसे शुभ कार्य है.
पवित्र बनना और बनाना सबसे शुभ कार्य है.
- पवित्र बनने की युक्ति है--- आत्म-अभिमानी (SELF -CONSCIOUS )और इसे प्यार से याद करो. इंसान मिटी का बना हुआ भूत है, जिसमे 5 तत्व मिश्रित है.
REALIZE YOURSELF. YOUR SOUL IS CENTER OF POWER.
· यहाँ हम एक- दूसरें को डराते रहतें है, बैठे - बैठे लड़ने-झगड़ने का भूत आ जाता है.
हमें श्रीमत पर चलना है और
LETTERS , RTI 's, THREATS OF A ,C ,DE ,N ,Z से डरना नहीं है.
· कछुए (TORTOISE ) का EXAMPLE लो और धीरे- धीरे POSITIVE TASK की पूर्ति कर बढता चला जा. तमो- प्रधान से सतो- प्रधान बन. परमात्मा को हमेशा याद कर, सतो-कर्म करते चले जाओ. सतो-प्रधान बन राज्य पर शासन कर.
- शुभ काम मे देरी नहीं करनी है. कोई भी व्यर्थ ख्याल नहीं करने है, हमेशा ख़ुशी मे रहना है.
- सधारणता को समाप्त कर महानता का अनुभव करने वाले श्रेष्ठ पुरुषार्थी बन. यही है आगे बढने की नशानी.
मनन शक्ति द्वारा सागर-ताल मे जाने वालों ही रत्नों के अधिकारी बनते है.
मुसाफिर क्या बेईमान
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