Wednesday, November 30, 2011

आज का सन्देश (THURSDAY ,01 .12 .2011 )


  •     व्यर्थ-संकल्प अपवित्रता का बीज है, समाप्त करो. व्यर्थ संकल्प काआधार मन है. जो मन मना: भव होने नहीं देता है. इसलिए पढाई की श्रीमत द्वाराअपवित्रता के संकल्प को खत्म करें.
दृढ़ता सफलता की चाबी है, जो जन्म सिद्ध अधिकार है.
अलबेले मत बनो, कि ये काम हो जायेगा, पढ़ लेंगे, कर लेंगे, इत्यादि-इत्यादि.
दृढ संकल्पों से मजबूत होकर विजयी बनो.
संकल्पों मे भी अपवित्रता व् व्यर्थता समाप्त करो.
  • व्यर्थ स्वपन आते हैं, तो भी अपवित्रता बनी रहेगी. अगर बुद्धि मे व्यर्थ संकल्प व् पुराने संस्कार आतें है, तो भी सम्पूर्ण वैष्णव व् सम्पूर्ण पवित्र कैसे बनेगें.
  • फ़रिश्ता बनने की कोशिश भी अपवित्रता व् पुराने संस्कारों की वजह से व्यर्थ हो जाता है, एक DISASTER बन जाता है.
  • आप समझतें है कि भक्ति से भगवान मिला है, ये तो ज्ञान से मिला है. ज्ञान को बाँटने से खुशी दोगुनी हो जाती है, ये RESEARCH भी ज्ञान-धन है, जो बाँटने से बढता है.
 आप बच्चे RESEARCH ज्ञान पर अगर नहीं चल सकतें, अपनी राह पकड़ो. दुविधाओं मे सुविधाओं को मत ढूढ़ों.
परमात्मा/TEACHER दुःख हरता , सुख करता है.
अपनी राह को जाँच लें, ठीक रास्ते पर है या नहीं, वर्ना भटकाव ही भटकाव है.
  • परमात्मा/TEACHER आपको बनना है, इसकी नियति को पूरा करो. FOR E .G . UGC NET CLEAR करेंगे, तो TEACHING मे आ पाएंगे. CLEAR करें, और करें. तभी तो इस योग -शिक्षा-ज्ञान को बाँट पाएंगे.
  • ज्ञान व् RESEARCH को रूहाणी अस्त्र बना कर अहिंसा से शिक्षा-ज्ञान को ग्रहण करों. आप सभी विकारों का दान करें. सारे ग्रहण छूट जायेंगे,
KNOWLEDGE IS THE SOURCE OF INCOME.
प्रीत-बुद्धिवान, अहिंसक बन, SILENCE मे बैठ---TEACHER /परमात्मा के साथ चलो. 
आप ज्ञान-योद्धा है, जिसे इस युद्ध मे जीतना है, सफलता लेनी है.
सदा आशा और विश्वास के आधार पर विजयी बनो.
   

Saturday, November 26, 2011

आज का सन्देश (Saturday, 26.११.२०११)


·         योग लगाने के लिए बोलने की जरुरत नहीं है, अंदर ही अंदर मन मे ध्यान धारण करें.
·         मन, वचन और कर्म ही जीवन का मूल मन्त्र है.लकिन आपका MOOD (मन) अचानक इतना ख़राब हो जाता है की FACE ठीक है, लेकिन मन विचलित है. मन का भी धयान रखें. वरना मन दुखी रहेगा तो आप खुश कैसें रहेंगे. मन की RECORDING भी वचन और कर्म मे आती है. मन हल्का रखें, परमात्मा की संगति मे रहेंगें. मन की बोझ होगा तो उड़ नहीं पाओगे. आज आपका मित्र है, कल वो आपका मित्र, हितेषी है, इसकी GUARANTEE नहीं है. जैसे सांप केंचुली को उतार कर नया SKIN धारण करता है, ऐसे ही मन का बोझ उतार कर नया ज्ञान रूप धारण करें.
ज्ञान का धन संचय करने के किये विचार-सागर का मंथन करें. ज्ञान का शौक रखो तो मंथन चलता रहेगा.
प्रश्न है--- ज्ञान मार्ग मे अपने को तंदुरुस्त रखने का साधन क्या है? ? ?
·         सदा अपने को तंदुरुस्त रखने के लिए परमात्मा/TEACHER  से जो घास-फूस मिलती है, उसे खाओ, फिर उसे स्वयं उगाओ, मंथन करो, ज्ञान को हजम करो, वो बीमार नहीं हो सकते. अलबेलापन, आलस्य ज्ञान मे आएगा, इसका अर्थ है ज्ञान हजम नहीं हुआ. ज्ञान मे विकार आने से तंदुरुस्त नहीं रह सकते. बीमार मे दर्द, बीमारी ही रहेगी, सिर्फ.
·         ज्ञान पड़ने की वजाए मंत्रो-FAST-वर्त का सहारा लिया, 40  दिन तक जाप किया, असर या काम फिर भी नहीं हुआ. कल्याण नहीं हुआ, अकल्याण ही हुआ है.
·         अच्छी शिक्षा, पढाई  का ज्ञान लें, विकारों को धक्का मारें, मंथन करते रहो अपनी  पढाई  का. जैसे-- गाय घास खाने के बाद जुगाली करती रहती है, पूरे दिन, वो तंदुरुस्त रहती है. आप भी ज्ञान-घास को खाकर, जुगालते रहें, मंथन करतें रहे, हमेशा ज्ञान की खुशी मे रहेंगे. अपनी मंजिल के प्रकाश को पाएंगे, ज्ञान रतन धारण करेंगे.
·         परिस्थितियाँ ऐसी भी आएगी, क्रोध आएगा, अच्छे मार्ग पर चलते हुए भी अलग-थलग हो जायेंगे. ये ज्ञान मे विकार है. जो मन से निकालना है. इस आसुरी स्वभाव को मन से धकेलियें. परमात्मा कल्याणकारी है.
जीवन की कुछ घटनाएँ (नदी, पहाड़, शेर जंगल मे मिलना) हमेशा याद कर ख़ुशी मिलती है, पढाई  को याद रख, खुश रहें.
·         ये परमात्मा की कुदरत है. अच्छी रीती को अपनाएं. धक्के खा-- -खाकर थक गएँ हो. उलटी-सुलटी बातें एक कान से सुन कर दूसरे कान से निकल दें, कोई भी आसुरी सव्बह्व है, उसे छोड़ना है. ज्ञान रुपी पवित्र भोजन का तिरस्कार न करो. मंथन, चिंतन से ज्ञान ग्रहण करो, ख़ुशी का पारा ऊपर ही चढ़ता जायेगा. कल्याणकारी बनेगें.
मुसाफिर क्या बेईमान  

Thursday, November 24, 2011

आज का सन्देश, 24 .11 .2011


  • अगर कोई गलत व्यव्हार करता है, आप भी ऐसा कर बदला लेंगे, तो क्या फर्क रहा दो इंसानों को मध्य. चीनू, मीनू, टीनू, चाँद हाँ भाई सभी, अच्छा है छोड़ दे उसका साथ, या सुधार दे उसे. 
  • आप अपनी तक़दीर को दूसरे के साथ COMPARE न करें. हाय, मेरी तक़दीर ही ख़राब है, ऐसा कह कर आप अपनी चमकती तक़दीर को धोखा दे रहें है. पढाई कर तक़दीर को श्रेष्ठ बनाए.
  • जो कर्म मै करूंगा, वो कर्म सभी करेंगे, जब अच्छे, सुंदर कर्म करेंगे, निर्माण होगा, वर्ना अपने कर्मों से आपका व विनाश तय है.
  • कभी कोई भी पाप-कर्म नहीं करें, --- तक़दीर जग जाएगी. हमारी आत्मा तक़दीर बना कर आई है, ताकि हम नई दुनिया का निर्माण कर सकें.
  • तक़दीर बनेगी, उतनी, जितना पुरुषार्थ किया है. अपनी आत्मा को सोने की तरह तपाओ, वो PURE बनेगी, GOLD  की तरह SHINE करेगी.
  • जो अच्छा पुरुषार्थ करेगा, KING और QUEEN बनेगा. KING बनेगा, वरना तो, दुनिया मे आम-जनता, गरीब भी कम नहीं है.   मेहनत कर, पुरुषार्थी बने.
  • किसी की LIFE  मे पूर्णमासी नहीं बन सकते, तो उसकी LIFE अमावस की तरह अँधेरी न बनाओ. जो अच्छी शिक्षा-रीति सीखेगें, वाही FULL MOON बनेगें. उसे PARADISE नसीब होगा जीवन मे.
  • अच्छी रीति धारण करनी है, पवित्र बनो.
  • BUSINESS के झूठ को क्यों जीवन मे उतार लिया है. अब हर चीज मे झूठ बोलतें है, तो झूठी शिक्षा ही ग्रहण करोगे चाहे Ph .D की DEGREE मिल जाये.

शिक्षा के साथ योग को जोड़ें. अच्छा मनुष्य बनने के लिए जितनी आसुरी स्वभाव, झूठ बोलने की आदतों  का त्याग करना है, देवीय स्वरूप धारण करना है.
  • माया के तूफानों मे भी कर्म-इन्द्रियों से विकर्म न करें. अपने अलौकिक  जीवन की याद मे रहकर पुरुषोतम बन.   
                                                                                                    मुसाफिर  क्या  बेईमान 

Tuesday, November 22, 2011

आज का सन्देश (Tuesday, 22, November 2011)


  • बातें तन का, मन का, धन का  EXCUSE लेकर  आएँगी, दृढ़ता रखेंगे वो बात वापिस चली जाएगी. शुरुआत (आदि) से अंत तक हिम्मत दिलाने के निमित बने, भविष्य निश्चित होते हुए भी अलबेले नहीं बनेगें.
  • हर कदम मे हिम्मत के पात्र बन NUMBER -1 बने. जब तक जीना है, पढाई पर और सम्पूर्ण बनने पर पूरा-पूरा ATTENTION देना है.   अलबेलेपन की लीला समाप्त करनी है.
राज-ऋषि बन सम्पूर्ण बनने का अनुभव कर.
  • निर्लेप बनो, कल्याण व् रहम की दृष्टि रखनी है, स्नेह, सहयोगी, गुण ग्राहक बनना है. लेकिन FOLLOW पर्त्मात्मा/TEACHER को करना है.

  • दूसरे की WEAK POSITION सुन-सुन कर अपनी POWERFUL POSITION को WEAKER न करो. वर्ना ध्यान ATTENTION WEAK हो जाएगा और खुद भी WEAKEST हो जायेंगे, SLOWLY---SLOWLY. इस रावन दुनिया मे बहुत कुछ है, माया के मोहवश अपना पथ भ्रष्ट न करो. 
परमात्मा ने बच्चो को श्रेष्ठ कर्म करने की व् कर्म को सुधारने 
की क्या विधि बताई है.

  • अपने कर्मों को सुधारने के लिए अपने TEACHER के साथ सच्चे HONEST रहें. यदि कभी भूल से भी उल्टा कर्म हो जाये, तो परमात्मा बाबा को तुरंत लिख दो. सच्चाई से बाबा को सुनायेंगे तो उसका असर कम हो जायेगा, नहीं तो, उलटे-कर्म मे ही  वृद्धि होती रहेगी. TEACHER के पास MESSAGE आएगा, तो आपको सुधारने का कार्य करतें है.

  • SCHOOL मे बच्चों को याद रहता है कि उन्हें DOCTOR, ENGINEER, PILOT बनना है. आप तो RESEARCHER हो गएँ है, फिर भी भूल गए, क्या बनना है भविष्य मे. याद रखो, अपना भविष्य.

  •  जब CLASS मे आते हों, सब ख्याल अपने ROOM/HOSTEL पर छोड़ कर आओ. ये ज्ञान-सरवर है, ज्ञान कि डुबकी मारो और इस सरोवर से नया-नया ज्ञान रुपी रत्न ग्रहण करो.

  • अगर हमारे SCHOOL मे कम बच्चे PASS होंगे, SCHOOL की इज्जत चली जाएगी. TEACHER की REPUTATION DOWN हो जायेगा.

  •  माया की पर-छाया न पड़ने दो, याद रखो. सपूत वही बनेगा, जो योग-शिक्षा मे रहेगा.

  • जो आपको भटकाएगा, वो ज्ञान-सरोवर का TEACHER नहीं है, वो माया है. TEACHER व् माया के फर्क को पहचानो. ज्ञान पाओगे.

तुम्हारा सच्चा वर्त (FAST) है- मन मना: भव:

  •  जिसे सुधरना नहीं है, वो पाप-कर्म करतें है. उन्हें परमात्मा/TEACHER भी नहीं सुधार सकता.

  • किसी बात पर बिगड़ना नहीं है. जो पढ़ते हो, उस पर विचार-मंथन करना है. सर्व-प्राप्ति की और बढेंगे.

अ-इच्छा मात्र: विद्याम:

Monday, November 21, 2011

आज का सन्देश (Monday, 21 November 2011)



  • मीठा बोलें. ऐसा मीठा बनना है, जिसमे Purity हो. वर्ना मीठा बने रहेंगे, और चींटियाँ (Ants) चिपक जाएगी. मिठास मे Purity आएगी, तो चींटियाँ पास में न आ पायेगी.
  • आपसे रोज-रोज कोई न कोई भूल होती है, आपस मे इतना प्यार भी न हो जाये, कि फंस जाये. देह प्यार मे फंसेगे, फसते चले जायेंगे. नर-नारी शारीरिक सुखों मे न भटको. ये एक तिलस्म है, जिस दिन टुटा, दोनों को बर्बाद करेगा.  इन विकारों को छोड़ेंगे तो, ज्ञान के लिए महेनत करेंगे. ये मायावी प्यार है. माया इन्ही सुखों मे आपको भटकाएगी, समय हाथों से निकल जायेगा, कोई भी सुख प्राप्त नहीं होगा. आप ऐसी भूलें (Mistakes) न करे.
शिक्षा लो, आगे बढ़ो.  ज्ञानवान सर्वत्र पूज्यन्ते:
बच्चों से अब तक भी अनेक प्रकार कि भूलें होती रहती है
 उसका कारण क्या है ? ? ? ?
  •  देह-अभिमान ही उसका मुख्य कारण है, क्यों कि योग मे अभी हम बहुत बच्चे है. परमात्मा कि याद मे रहते, तो कोई भी बुरा काम नहीं होता. तुम पतित से पावन बनने की धुन मे रहो.
  • तुम्हारा आपस मे जिस्मानी प्यार नहीं होना चाहिए. जले न क्यों परवाना, क्या --- क्या  याद है ये गाना ? ? ? अंधकार तन का मिटे, मन मे मिले उजियारा को याद रखेगें, तो परवाना जैसी हालत नहीं होगी.
  • अपने AIM & OBJECTIVE याद  रखो. आपका यहाँ आने का उद्देश्य क्या है ? ? ? वो समझो, और अपना कार्य करो, Aim & Objective  पूरें होंगे. राम और रावन दोनों यहाँ मौजूद है, आपको Choose करना है क्या बन कर यहाँ Role Play करना है. तभी पतित से पावन बनोगे. ये Secret स्वयं को समझना है. हमेशा सभी को Good Wishes दें. आगे बढते चले जायेंगे.
होली त्यौहार जलाते भी है, फिर मानते भी है. दुष्कर्म जलाएं,और पावन बने.
  • ज्ञान के साथ-साथ अपना भविष्य बनाने की युक्ति भी सीखनी है. किसी देह-धरी के पीछे बद-किस्मत नहीं बनना है.
  • आपस मे किसी बात के कारण परमात्मा कि Service नहीं छोडनी है. सवेरे-सवेरे उठ कर अपने आप से प्रश्न  पूछना है, गुणी बनोगे.
  • सदेव गुण-मूर्त बन Royal स्थिति मे रहो. Royal वो है, जो अपने हर्षित मुख द्वारा Royalty की Purity का अनुभव कराए.

Saturday, November 19, 2011

आज का सन्देश (Saturday, November 19, 2011)


  • जीवन एक संग्राम है, जिसमे हार-जीत होती है. हार से हम दुखी है, जीत से खुशी होती है. ऐसा अभ्यास करो कि हार को भी जीत के सामान Celebrate करो. आप Life के सारे Secret समझ जायेंगे. आप कर्मातीत बने.
कर्मणि: बाधिकारस्य:, माँ फलेषु कदाचन:
नुकसान मे भी फायदा खोजे.
  • अन्तर्मुखी बने. Peacefully Education ग्रहण करेंगे, आप आगे बढते चले जायेंगे.
  • भविष्य निश्चित करो. अलबेले बन लीलाएं मत दिखाओ, भटक जाओगे. पुरुषार्थी बन कर आगे बढे.
  • ह़र एक का स्नेह, सहयोगी और गुण ग्रहण करने है, स्व-मान मिलेगा.
  • ये मंजिल बहुत ऊँची है, दिखाई देती है, लेकिन दूर भी बहुत है. समय बर्बाद मत करो, सतो-प्रधान बन सम्पण बनो.
  • चलते-चलते थोडा भी अहंकार आया, अपने को होशियार समझा, Class Attend नहीं किया, तो परमात्मा व् Teacher से दूर हो जायेंगे. संशय बुद्धि न बनो. कोई कितना भी Misguide करे, श्रीमत पर भी चलना है.
  • माया व् मायावी शक्तियों से दूर रहें और अपने अलबेले-पन से बचो. Life को Self-Analyze करो.
शिक्षा लो, शिक्षित बनो.
  • परमात्मा व् Teacher से Love करो. आगे बढ़ो. लड़ने-झगड़ने से विनाश ही होना है. 
  • God-Father भी यहाँ है. अपने आप को समझे, संभाले और पुरुषार्थ करो. Charity Begins at Home, Spread Knowledge. अपनी विशाल बुद्धि को जगाओ, ज्ञान प्राप्त करोगे. स्वयं की Life की Hundi ठीक हो जाएगी.
  • अपने अहंकार से अपनी Life बर्बाद करेंगे.
  • अपने को महारथी समझते हो, सहयोग भी नम्बर-का होने चाहिए. दूसरो की मदद करेंगे, तभी महारथी प्रमाणित होगी.
  • आपकी आत्मा शिक्षा और योग से पवित्र बनती है, पवित्र बनो.
  • देह-अभिमान मे आकर कभी भी बे-अदबी नहीं करनी है. अपना समय बर्बाद नहीं करना है.
  • योग और Self-Control द्वारा महानता का अनुभव करने वाले फ़रिश्ता बनो. महीनता (Microscopic Analysis) ही महानता है. सुबह उठ कर योग करो. व्यर्थ संकल्प न करो.
  • महान इंसान वो है, जो हमेशा श्रीमत पर Accurately चलते है.

मुसाफिर क्या बेईमान

Friday, November 18, 2011

आज का सन्देश (Friday, November 18, 2011)


  • जो दिन दुनिया (Celebrate) करे (e.g. Father’s Day, Mother Day, Friendship Day, Valentine Day), वो आप परमात्मा के साथ भी मनाएँ. दुनिया वाले PLAN बनाते है, आप भी PLAN बनाइये और SUPREME TEACHER के साथ CELEBRATE करेखुशी स्नेह पायें.
    तुम्ही हो माता, पिता तुम्ही हो, 
तुम्ही ही बंधू, सखा तुम्ही हो.

  • SILENCE से ज्ञान प्राप्त करो.
  • हमेशा शांति से बैठ फिर सुनो और सुनाओ, चलते-फिरते, भागते-भागते समस्याओं  को मत सुलझाओ (SOLVE करो). वर्ना  समस्याएं उलझती चली जाती है, SOLVE होने की वजाए.
    SIT, LISTEN, TALK, SOLVE PEACEFULLY,  
तभी ज्ञान का परिचय दे पाएंगे.

  • ज्ञान मार्ग पर चलो. सज्जन बनो, सज्जनता को BEHAVIOUR मे लाओ.
  • सारा DEPRESSION, TENSION, चुगली का भूत, दुश्मनी का भूत, झूठ का भूत, मित्रता मे धोखे का भूत----सब भाग जायेंगे.
  • आप प्यार का सागर बने, मायावी दुनिया से बचे, परमात्मा और मौत को याद रखे. पुरुषार्थ पाएंगे.
  • आप ही स्वयं के चित्रगुप्त है, अच्छा-बुरा, पाप-पुण्यझूठ-सच, सब आपके अंदर आहे. कोई अलग से च्त्र्गुप्त स्वर्ग मे नहीं बैठा, आपके पाप-पुण्य के खाते (ACCOUNTS) को लिखने के लिए. ये हिसाब-किताब वाला चित्रगुप्त (SECRET) गुप्त रूप से आपके अंदर बैठा है.
  • सभी विकारों को परमात्मा को दान दे दे, और विकारों का दान देकर वापिस न ले, क्यों की दान ----दान ही होता है.
  • मीठा बोले, वर्ना SILENCE मे रहें.
  • साधा देह अभिमान मे न रहें, ज्ञान प्राप्त करें.
  • अपने तन, मन, धन को सफल करें.
मुसाफिर क्या बेईमान  

Thursday, November 17, 2011

आज का सन्देश (Thursday, 17 November 2011)


स्वयं पर घमंड न करो.
  • ज्ञान-वान बनने से धन-वान बन जाओगे. ज्ञानेश्वर ही राजेश्वर बनते है.
  • श्रेष्ठ तक़दीर बनाने के लिए, सर से पाप के बोझ को उतार दो, वि-कर्म न करो.
  • जीवन मे नियमावली से चलो.
रात के राही थक मत जाना, सुबह की भोर होने वाली है.   
  • ज्ञान को पाने के लिए, सोने (Gold) जैसे शुद्ध बुद्धि चाहिए.
KNOWLEDGE IS THE SOURCE OF INCOME.
  • पढाई से ही पद (Post) पाते हो.
सिमर-सिमर पाए ज्ञान, कलह, क्लेश मिटे, सब तन के.
  • ज्ञान से सपूत बनो या ज्ञान को ग्रहण कर कपूत बनो, अब आपके ऊपर है.
  • अपनी बुद्धि से समझो, ज्ञान के साथ योग करो. वि-कर्म विनाश होंगे, ज्ञान-वान, बल-वान बनेगे.
मन मना: भाव:
  • SILENCE बल से ज्ञानवान बनेगे, शांत रहना सीखे.
  • जहाँ कहीं कमी महसूस करते हो, अपने आप को Correct करें. वर्ना चलते-चलते एक दिन मर जायेंगे, पाप-बोझ को भी अपनी आत्मा के साथ ही ले जायेंगे.
  • पवित्र बने, शांत रहें, पाप कर्म न करे. सर्व-जिम्मेदारियों के बोझ को परमात्मा को दें, सर्व-उन्नति सहज होगी.
दिल और दिमाग मे HONESTY हो तो परमात्मा, परिवार, मित्र के विश्वास-पात्र हो जायेंगे.
 मुसाफिर  क्या  बेईमान