Monday, January 23, 2012

आज का सन्देश (23 .01 .2012 )


जो स्वयं को हर परिस्थितियों के अनुसार ढालना जानता है,
उसे जीवन जीने की कला आ जाती  है.
गुणों का धन (प्रेम, मधुर वाणी, अच्छे संकल्प, सत्य बोल, TOLERANCE)
जीवन में आपका ROYAL TRASURE है.
·         प्राप्ति की या न-प्राप्ति की स्थिति मे आप इस जगत में बार-बार आते हैं. जब इस देह का अभिमान बना रहेगा, आप इस मायावी जगत में बने रहेंगे. जैसे अच्छा हलुवा बनते ही अपना किनारा छोड़ देता है, आप भी ऐसे देह का अभिमान छोड़ेगें, इस संसार को छोड़ परमात्म प्यार में चले जायेंगे. वर्ना आपकी आत्मा भी विभिन्न शरीरों में भटकती रहेंगी.  
·         स्नेही सदा स्नेह में लवलीन रहेंगे. ज्ञानी के साथ स्नेही बनना भी जरुरी है.  जहाँ प्यार, ज्ञान में LEAKAGE होगा, वहां सम्पूर्णता नहीं आ सकती. ज्ञान सागर सर्वगुण सम्पन्न है, आप भी ऐसे ही स्वयं को पूर्ण बनायें.
·         रहम दिल, कल्याणकारी, परोपकारी, गुणकारी बनें. स्वयं में कमजोरी न लायें. वर्ना जैसे एक चीटीं भी कोकरोच की टांग से उसे घसीट कर ले जाती है, वही आप के साथ हो सकता है. व्यर्थ संकल्पों को छोड़ें.
·          हर इंसान को शुब कामना व् शुभ भावना दें. चिंताओं का त्याग करें.
चिंता चिता सामान है.  
इसे गले लगाना या इसे छोड़ना अब आपके ऊपर है. 
·         ऐसा कहतें है, “मेरा मन मेरे वश में नहीं है, कुछ कीजिये. कोई कैसे आपके मन को वश में करने का SOLUTION दे सकता है. स्वयं SOLVE कर, अपनी इस अहम् कमजोरी का त्याग कर महावीर बनो. स्वयं के कार्यों पर नियंत्रित कर अच्छा कार्यकर्त्ता बने. अपने मन-बुद्धि को नियंत्रित करें.
·         स्वयं की कर्म-इन्द्रियों को CONTROL कर स्वयं के मालिक बन, विजयी बनो. किसी प्रकार कर बंधन आपको ATTRACT तो नहीं करता रहता. बंधन मुक्त ही योग मुक्त बन सकता है.
·         ईश्वरीय मर्यादाओं में स्वयं को चलायेंगें, तो अच्छी FITTING के साथ SETTING हो जाएगी. FITTING यानि मर्यादाएं, लेकिन किसी मर्यादा के उलंघ्न से SETTING गड़बड़ा जाएगी, और मजबूत ज्ञान की BUILDING ध्वस्त हो जाएगी. SELF -ANALYSIS करें.
·         अपनी सारी शक्तियां LIFE के ADJUSTMENT में न लगायें. FOR EXMAPLE , FROG (मेंडक) अपने आप को WATER TEMPRATURE के ACCORDING अपनी BODY को ADJUST करता है. लेकिन पानी के उबलने पर उसकी शक्ति ADJUSTMENT में इतनी खर्च हो जाती है कि वो उस बर्तन से बाहर निकलने के लिए JUMP (छलांग) भी नहीं लगा पता और मर जाता है. मांग-मांग कर मांगता न बन, साहूकार बन. LIFE -ADJUSTMENT के CONCEPT को ख़त्म करें. यथार्थ विधि द्वारा व्यर्थ को समाप्त  कर NUMBER -1 बने. अपकारी पर उपकार करने वाला ही ज्ञानी पुरुषार्थी है.  
 मुसाफिर क्या बेईमान

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