Wednesday, February 1, 2012

आज का सन्देश (1ST February 2012)


काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार, ये पांच डाकू है. इनमे से मुख्य डाकू काम और क्रोध है, जो सब कुछ लूट कर ले जातें है. कामेषु: क्रोधेतु:
  • काम का अर्थ है इच्छाएँ. काम (इच्छाओं) की पूर्ति नहीं होने से क्रोध आ जाता है. इसे समझोगे तो अपने ऊपर कृपा करना है.
बादशाह और वजीर का सम्बन्ध, काम और क्रोध जैसा है.
इंसान अगर इन दोनों के INFLUENCE मे रहते है,
तब हमेशा गलत  DECISION LIFE मे करते है.

  •  परमात्मा कहतें है,इनसे बचो. कहा गया है, " जहाँ ये (काम और क्रोध) विराजमान है, वहां पानी के घड़े भी सूख जातें है." क्रोधी ही घरों को आग लगा देतें है. क्रोध ही कलह का कारण बनते है.
  • क्रोध से किसी को दुखी मत करो. वर्ना आपका पदों-अवनति हो जायेगा. कहावत है, "वो सौ -सौ श्रृंगार करें, फिर भी खोते दा पुत्र, खोता (ASS) ही रहेगा. क्रोध का त्याग करें, घुड़सवार बन.
  • क्रोध किया तो तकदीर को लकीर (FULL STOP ) लग जाएगी, संगी-साथी पर भी इसका असरपड़ेगा. बड़े-बड़े COMMANDER भी क्रोध का शिकार बनते है तो, अपनी पूरी ARMY को ध्वस्त करा देतें है. काम , क्रोध की अग्नि पर ठंडा व् शीतल जल डालें.  मोह नष्ट करें.

स्वयं पर कृपा करो. दिल साफ़ बनो, सम्पूर्ण TRUSTEE बने, स्वयं के.

  • असुर की QUALITY -- मेरा भी मेरा, तेरा भी मेरा.   मनुष्य की QUALITY --- मेरा  ही  मेरा, तेरा भी तेरा. परमात्म गुनी इंसान  की QUALITY --- मेरा भी तेरा, तेरा भी तेरा.
  • मंजिल को सामने रख, FIRST NUMBER लेने वाले तीव्र पुरुषार्थी भव: . जो बात आपकी अवस्था को बिगाड़ने वाली है, उसे सुनते हुए भी न सुने और कोसों दूर रहें.
जो व्यक्ति नम्रता के आधार पर सबसे तालमेल बनाये
रख सकता है, वह महान है.
मुसाफिर क्या बेईमान

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