Friday, January 20, 2012

आज का सन्देश (20 .01 .2012 )


अपने मन को स्थित रखकर सभी 
परिस्थितियों में धैर्य बनायें रखें.
  • हमेशा आपस के सिर्फ सकारात्मक (POSITIVE ) POINTS को याद रखें, उतने ही सतोप्रधन बनेगें. नकारात्मक ख्याल अपने स्वभाव से अपने आप ही मन, बुद्धि व् दिल से बाहर निकल जायेंगी.
  • सतोप्रधान से आपस का प्यार बढेगा, आपस में प्यार से याद करो, और इस आनंद को ग्रहण करें. आप कांटे से फूल बन जायेंगे.
  • सबसे पहले हमे निश्चय करना होगा, सत्य, चित्त, आनंद को ग्रहण करना है या नहीं, तभी माशूक (परमात्म) की याद की कशिश बनेगी. OTHERWISE CONFUSED ही बने रहेंगे.
  • स्वयं पर रहम करें, अवज्ञा न करें. खुशबूदार फूल बने. जीवन को जीने योग्य बनायें.
  • हमेशा LAW दिखातें है, LOVE नहीं दिखातें है, नहीं करतें है, इस PHILOSOPHY को ख़तम कर LOVEABLE बने, प्यार करें. दिल मे रूखेपन से आप सुखी लकड़ी जैसे बन जातें है, और टूट जायेंगे. अपने वास्तविक स्वरूप को देखें, प्यार करेंगे, प्यार मिलेगा.
  • सेवाओं के साथ-साथ एक-दुसरे का सहयोगी बन तीव्र पुरुषार्थी बन. मन---जीत बन, सभी की मनसा सेवा करो.
  • जो जिम्मेदारी मिली, उसे निभाई, उसका RESULT देख और ख़ुशी मनाओ. सदा बेफिक्र बादशाह रहो.
  • पश्चताप से कर्मो में कुछ सुधार हो या न हो, कर्मो का फल तो भोगना पड़ेगा. बुरे कर्म का फल बुरा, अच्छे कर्मों का फल अच्छा होगा.
  • सम्पन्न बनना और बनाना. व्यर्थ संकल्प को CONTROL करो. मन---जीत, जगत जीत. स्वयं पर स्वयं का शासन हो.
व्यर्थ को जल्दी ---जल्दी समाप्त करो.  
मुसाफिर  क्या  बेईमान 

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