Sunday, January 8, 2012

आज का सन्देश (08 .01 .2012 )

संतुष्टता व् खुशी साथ-साथ रहतें है. इन गुणों से दुसरे 
आपकी और स्वत: आकर्षित होंगे.
  • कोई भी ख़राब आदत न रखें. कोई भी असुरी कार्य नहीं करना है. हर सम्बन्ध और सम्पर्क को दिल से सहयोग करें.
  • आप शांत रहें और शांति की VIBRATIONS को फैलाएं.
धीरज धर मनवा, धीरज धर, तेरे सुख के दिन आने वालें है.
  • जीवन एक मेला है, जिसमे आना, आनंद प्रदान करना, बिछुड़ना सच्चाई है, बुद्धि मे ज्ञान सागर को जानिए, पहचानिए, तैर कर पार कर जायेंगे.
  • समझाने वाले युक्ति से समझायेंगे,लेकिन ना-समझ, आधा समझ इस युक्ति से नहीं समझ पाएंगे.
देह-अभिमान इतना सर चढ़ कर न बोलने लगे, कि
राम और रावण मे फर्क न समझ पायें.
  • बुद्धि मे संयम रखेंगे, तो आलौकिक प्यार को पाएंगे, वर्ना अपने ही हाथों से इसे गवां देंगे.
आप जानवर नहीं है, कि नाक मे रस्सा डाल कर इस दलदल से बाहर निकालें. मे तो समझा ही सकता हूँ,  
अपनी बुद्धि से विकर्म निकालो, और प्यार को समझो. 
पार पाएंगे.
  • आप ज्ञान को रखते हुए अज्ञानी न बने.
  • अपनी वाणी से अपनी फजीहत मत करवाओ.कड़ोर शब्द न बोले. दूसरे आहत न हो जाएँ, मीठा बोलकर कल्याण करें.
  • किसी के ROLE को देखकर UPSET नहीं होना. उसे इस LIFE DRAMA मे साथी / परमात्मा के साथ भी होते हुए आपको UPSET करना है. आप संयम धारण रखें, अपनी पवित्रता को बनायें रखेंगे.
  • अभी LIFE मे FAIL हुए तो कल्प-कल्पान्तर,FAIL होते रहेंगे.
  • परमात्मा का आशीर्वाद लेने के लिए SERVICE -ABLE बनना है.
कर्मातीत भव:, हर्षित, सुखी, खुश-नसीब बन जाओगे.
मुसाफिर क्या बेईमान
 

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