Friday, January 13, 2012

आज का सन्देश (13 .01 .2012 )


सभी परिस्थितियों मे संतुलन बनाये रखना प्रसन्नता की चाबी है.
  • ज्ञान मे कुछ बात्तें गुप्त होती हैं और सुप्त होती हैं, जिसे सिर्फ इसे पढ़ कर धारण करेंगे तो इस सेक्रेट को ओपन कर ज्ञानवान बनेगें.
कौन सी गुप्त और सुप्त बात महीन (SHARP )बुद्धि वाले 
बच्चें ही समझ सकतें है? ? ?
जीवन इक नाटक है, यदि हम इसके कथानक को समझ लें 
तो सदैव प्रसन्न रह सकते है.
  इसे समझ, GODDESS of KNOWLEDGE को ग्रहण करें.
  • बिगड़ी से बनाने वाले को कैसे ढूंढा  जा सकता है? ? ?
सत्यमेव जयते: से. एक ॐकार निराकार को समझेंगे,
तो दुर्गति से सदगति होती है.
  • परमात्म निरंकार और श्रेष्ठ है. हम सो, सो हम गूढ़ रहस्य है- - -ज्ञान का?
  • पहले--पहल ये निश्चय करना चाहिए---कि आप ही पूज्य, आप ही पुजारी. ज्ञान मार्ग मे ज्ञान की सितार को बजाने के लिए पहले परमात्मा/साथी से इसे सीखना पड़ेगा.
  •   श्रेस्ठ-चारी बनो. शांत-चित धारण करो.
अपनी दुर्गति स्वयं करतें है,
इस रावन को दिलो-दिमाग से निकालेंगे
तो तरक्की कर, अच्छी राह लेंगे.
  • श्रेस्ठ-चारी से भ्रष्ट-चारी क्यों बनते हो? श्रेस्ठ-चारी बनोगे तो ज्ञान-गंगा प्राप्त करोगे.
  • HIGHEST AUTHORITY परमात्मा /खुदा है, यथार्थ रूप से पहचान REGARD रखना है. उनकी श्रीमत पर पूरा-पूरा चलना है. ज्ञान का कलश की स्मृति से समर्थवान बन. इस स्मृति से समर्थी ही NUMBER - 1 के PRIZE का हकदार बनेगा.
  • अनुभवी वो, जिसका दिल मजबूत और प्यार मे तृप्त हो.
  • जो बात प्यार मे, जिन्दगी मे, जीवन मे, जिन्दगी-के-सफ़र मे, समझ न आये, उसकी विस्तार में न जाकर उस पर FULL STOP (बिन्दी) लगा दें, और उसमे समां जाओ. सारा विस्तार, उसका सार MINUTE मे नहीं,  SECONDS मे समझ जायेंगे. बिन्दी बन बिन्दी मे लवलीन हो जाओ. पवित्र प्यार को पाएंगे, ज्ञानवान बनेगें, पुरुषार्थी कहलायेंगे.
कभी-कभी आपकी एक मुस्कान,
मरुस्थल मे जल की बूँद जैसी लाभदायक सिद्ध हो सकती है.

मुसाफिर क्या बेईमान
           

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