Saturday, November 19, 2011

आज का सन्देश (Saturday, November 19, 2011)


  • जीवन एक संग्राम है, जिसमे हार-जीत होती है. हार से हम दुखी है, जीत से खुशी होती है. ऐसा अभ्यास करो कि हार को भी जीत के सामान Celebrate करो. आप Life के सारे Secret समझ जायेंगे. आप कर्मातीत बने.
कर्मणि: बाधिकारस्य:, माँ फलेषु कदाचन:
नुकसान मे भी फायदा खोजे.
  • अन्तर्मुखी बने. Peacefully Education ग्रहण करेंगे, आप आगे बढते चले जायेंगे.
  • भविष्य निश्चित करो. अलबेले बन लीलाएं मत दिखाओ, भटक जाओगे. पुरुषार्थी बन कर आगे बढे.
  • ह़र एक का स्नेह, सहयोगी और गुण ग्रहण करने है, स्व-मान मिलेगा.
  • ये मंजिल बहुत ऊँची है, दिखाई देती है, लेकिन दूर भी बहुत है. समय बर्बाद मत करो, सतो-प्रधान बन सम्पण बनो.
  • चलते-चलते थोडा भी अहंकार आया, अपने को होशियार समझा, Class Attend नहीं किया, तो परमात्मा व् Teacher से दूर हो जायेंगे. संशय बुद्धि न बनो. कोई कितना भी Misguide करे, श्रीमत पर भी चलना है.
  • माया व् मायावी शक्तियों से दूर रहें और अपने अलबेले-पन से बचो. Life को Self-Analyze करो.
शिक्षा लो, शिक्षित बनो.
  • परमात्मा व् Teacher से Love करो. आगे बढ़ो. लड़ने-झगड़ने से विनाश ही होना है. 
  • God-Father भी यहाँ है. अपने आप को समझे, संभाले और पुरुषार्थ करो. Charity Begins at Home, Spread Knowledge. अपनी विशाल बुद्धि को जगाओ, ज्ञान प्राप्त करोगे. स्वयं की Life की Hundi ठीक हो जाएगी.
  • अपने अहंकार से अपनी Life बर्बाद करेंगे.
  • अपने को महारथी समझते हो, सहयोग भी नम्बर-का होने चाहिए. दूसरो की मदद करेंगे, तभी महारथी प्रमाणित होगी.
  • आपकी आत्मा शिक्षा और योग से पवित्र बनती है, पवित्र बनो.
  • देह-अभिमान मे आकर कभी भी बे-अदबी नहीं करनी है. अपना समय बर्बाद नहीं करना है.
  • योग और Self-Control द्वारा महानता का अनुभव करने वाले फ़रिश्ता बनो. महीनता (Microscopic Analysis) ही महानता है. सुबह उठ कर योग करो. व्यर्थ संकल्प न करो.
  • महान इंसान वो है, जो हमेशा श्रीमत पर Accurately चलते है.

मुसाफिर क्या बेईमान

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