- मीठा बोलें. ऐसा मीठा बनना है, जिसमे Purity हो. वर्ना मीठा बने रहेंगे, और चींटियाँ (Ants) चिपक जाएगी. मिठास मे Purity आएगी, तो चींटियाँ पास में न आ पायेगी.
- आपसे रोज-रोज कोई न कोई भूल होती है, आपस मे इतना प्यार भी न हो जाये, कि फंस जाये. देह प्यार मे फंसेगे, फसते चले जायेंगे. नर-नारी शारीरिक सुखों मे न भटको. ये एक तिलस्म है, जिस दिन टुटा, दोनों को बर्बाद करेगा. इन विकारों को छोड़ेंगे तो, ज्ञान के लिए महेनत करेंगे. ये मायावी प्यार है. माया इन्ही सुखों मे आपको भटकाएगी, समय हाथों से निकल जायेगा, कोई भी सुख प्राप्त नहीं होगा. आप ऐसी भूलें (Mistakes) न करे.
शिक्षा लो, आगे बढ़ो. ज्ञानवान सर्वत्र पूज्यन्ते:
बच्चों से अब तक भी अनेक प्रकार कि भूलें होती रहती है,
उसका कारण क्या है ? ? ? ?
- देह-अभिमान ही उसका मुख्य कारण है, क्यों कि योग मे अभी हम बहुत बच्चे है. परमात्मा कि याद मे रहते, तो कोई भी बुरा काम नहीं होता. तुम पतित से पावन बनने की धुन मे रहो.
- तुम्हारा आपस मे जिस्मानी प्यार नहीं होना चाहिए. जले न क्यों परवाना, क्या --- क्या याद है ये गाना ? ? ? अंधकार तन का मिटे, मन मे मिले उजियारा को याद रखेगें, तो परवाना जैसी हालत नहीं होगी.
- अपने AIM & OBJECTIVE याद रखो. आपका यहाँ आने का उद्देश्य क्या है ? ? ? वो समझो, और अपना कार्य करो, Aim & Objective पूरें होंगे. राम और रावन दोनों यहाँ मौजूद है, आपको Choose करना है क्या बन कर यहाँ Role Play करना है. तभी पतित से पावन बनोगे. ये Secret स्वयं को समझना है. हमेशा सभी को Good Wishes दें. आगे बढते चले जायेंगे.
होली त्यौहार जलाते भी है, फिर मानते भी है. दुष्कर्म जलाएं,और पावन बने.
- ज्ञान के साथ-साथ अपना भविष्य बनाने की युक्ति भी सीखनी है. किसी देह-धरी के पीछे बद-किस्मत नहीं बनना है.
- आपस मे किसी बात के कारण परमात्मा कि Service नहीं छोडनी है. सवेरे-सवेरे उठ कर अपने आप से प्रश्न पूछना है, गुणी बनोगे.
- सदेव गुण-मूर्त बन Royal स्थिति मे रहो. Royal वो है, जो अपने हर्षित मुख द्वारा Royalty की Purity का अनुभव कराए.
1 comment:
बहुत बढ़िया पोस्ट. अच्छी लगी.
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