Friday, November 18, 2011

आज का सन्देश (Friday, November 18, 2011)


  • जो दिन दुनिया (Celebrate) करे (e.g. Father’s Day, Mother Day, Friendship Day, Valentine Day), वो आप परमात्मा के साथ भी मनाएँ. दुनिया वाले PLAN बनाते है, आप भी PLAN बनाइये और SUPREME TEACHER के साथ CELEBRATE करेखुशी स्नेह पायें.
    तुम्ही हो माता, पिता तुम्ही हो, 
तुम्ही ही बंधू, सखा तुम्ही हो.

  • SILENCE से ज्ञान प्राप्त करो.
  • हमेशा शांति से बैठ फिर सुनो और सुनाओ, चलते-फिरते, भागते-भागते समस्याओं  को मत सुलझाओ (SOLVE करो). वर्ना  समस्याएं उलझती चली जाती है, SOLVE होने की वजाए.
    SIT, LISTEN, TALK, SOLVE PEACEFULLY,  
तभी ज्ञान का परिचय दे पाएंगे.

  • ज्ञान मार्ग पर चलो. सज्जन बनो, सज्जनता को BEHAVIOUR मे लाओ.
  • सारा DEPRESSION, TENSION, चुगली का भूत, दुश्मनी का भूत, झूठ का भूत, मित्रता मे धोखे का भूत----सब भाग जायेंगे.
  • आप प्यार का सागर बने, मायावी दुनिया से बचे, परमात्मा और मौत को याद रखे. पुरुषार्थ पाएंगे.
  • आप ही स्वयं के चित्रगुप्त है, अच्छा-बुरा, पाप-पुण्यझूठ-सच, सब आपके अंदर आहे. कोई अलग से च्त्र्गुप्त स्वर्ग मे नहीं बैठा, आपके पाप-पुण्य के खाते (ACCOUNTS) को लिखने के लिए. ये हिसाब-किताब वाला चित्रगुप्त (SECRET) गुप्त रूप से आपके अंदर बैठा है.
  • सभी विकारों को परमात्मा को दान दे दे, और विकारों का दान देकर वापिस न ले, क्यों की दान ----दान ही होता है.
  • मीठा बोले, वर्ना SILENCE मे रहें.
  • साधा देह अभिमान मे न रहें, ज्ञान प्राप्त करें.
  • अपने तन, मन, धन को सफल करें.
मुसाफिर क्या बेईमान  

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