- स्वयं पर रहम करो. सभी पर रहम करते हुए, हम स्वयं पर रहम करना भूल जाते है.
- ये जीवन इक इम्तिहान है, PASS होते चले जाएँ, सफलता मिलेगी.
- अमृत समय उठ कर द्रिड संकल्प करें. दुआओं से अपने संकल्प को परिपूर्ण करूँ. नफरत न रखो, इर्ष्य न करो, महेनत करो.
- दुआओ को एकत्रित कर, अभिमानी न बनो.
- त्याग की भावना रखें. कोई आगे बड़े, तो उसे देख कर खुशी होनी चाहिए.
सबको सद बुद्धि दे भगवान
- किस पुरुषार्थ से निद्रा को जीत पाओगे, इसे पहचानो. सोने और जागने को नियत करो.
जो करेगा, सो पायेगा.
- इसलिए अभ्यास करो, और ज्ञान बड़ाओ.
- ज्ञान पाओगे, तक़दीर साथ दे, जरुरी नहीं है. तक़दीर बनानी पड़ेगी. महेनत और ज्ञान से. तभी दुखो से छुटकारा मिल, सुख को प्राप्त करोगे.
- अपने लोभ-लालच पर नियंत्रित पाईये.
- जिन्दगी की इस ** में महेनत से आगे बदेगें, बढते चले जायेंगे.
- ज्ञान-रतन को पाने के इए ज्ञान-योग जरुरी है.
स्नेह के पीछे कुर्बान करने से असमर्थ बातें भी समर्थ हो जाती है.
- संकल्प व् स्वप्न मै भी ज्ञान की याद रहें, तभी तपस्वी कहलायेंगे.
1 comment:
त्याग की भावना रखें. कोई आगे बड़े, तो उसे देख कर खुशी होनी चाहिए.
सुंदर सन्देश विचारणीय बातें .....जीवन में अगर उन बातों को अपना पाये तो जीवन सबके लिए सुखकारक बन जाता है ....!
Post a Comment