"समाज और संस्कृति -अपने संस्कार"
बस इसी बेहतर कल की तलाश में तो इंसान अपना सारा जीवन बिता देता है कल उसके पास बेहतर आये या नहीं लेकिन आस तो हमेशा रखता है ...आपका आभार
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बस इसी बेहतर कल की तलाश में तो इंसान अपना सारा जीवन बिता देता है कल उसके पास बेहतर आये या नहीं लेकिन आस तो हमेशा रखता है ...आपका आभार
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