अहंकार न देखे, उम्र-ऐ-दराज
संस्कारों की क्या बात करें,
चैट से चैट, सिर्फ बहाना बना
व्यवहार को परखने का,
क्या बडडपन है, बडेपन का,
दुःख को जतलाने का,
शायद यही प्यार है, नए ज़माने का
जो न देखता उम्र,
दिखाता, तानाशाही भरा प्यार,
याद आया,
ये तो शेकस्पिअर की आखरी स्टेज है,
बचपन आता, लोटकर वापिस,
बुढ़ापे मे दोबारा,
न मानो बुरा,
न खीचों कान, मानव अधिकारों का होगा उल्लंघन,
भूलों शरारती की शरारत को,
विशाल दुनिया है अपने ब्लॉग की,
जानो, मानो, यही सच है,
शायद.
केवल राम जी के ब्लॉग चलते -चलते पर लिखी पोस्ट को पढ़कर मन नहीं रुक सका ..और कह दी भावनाएं अपनी ..कि वास्तविकता क्या है ..!
.........मुसाफिर क्या बेईमान
केवल राम जी के ब्लॉग चलते -चलते पर लिखी पोस्ट को पढ़कर मन नहीं रुक सका ..और कह दी भावनाएं अपनी ..कि वास्तविकता क्या है ..!
.........मुसाफिर क्या बेईमान
2 comments:
सफ़र जिन्दगी का है रार छोड़ते चलो
समय कम है,सिर्फ प्यार बांटते चलो
उम्दा विचार हैं मुसाफिर के
अच्छा लगा....शुभकामनायें...
सिर्फ प्यार बांटते चलो
Post a Comment