Saturday, February 5, 2011

निशान - ए- जिन्दगी ..........बेईमान

आज में हिंदी ब्लॉग जगत में एक कविता के साथ पदार्पण कर रहा हूँ ...आप सभी को हिंदी की सेवा में संलगन देखते हुए मुझे भी आप सबसे प्रेरणा मिली ..आशा है आपका सहयोग और मार्गदर्शन भी मुझे मिलता रहेगा ...इसी आशा के साथ ....

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3 comments:

केवल राम said...

यह जिन्दगी की सच्चाई है ..परन्तु कुछ स्याह निशान ...आपका कहना बिलकुल बाजिव है ....शुभकामनायें

केवल राम said...

बहुत बढ़िया कविता ...आपका आभार

मुसाफिर क्या बेईमान said...

शुक्रिया
आपके विचारों से प्रेरणा मिलती है. दोस्ती कबूल कीजिये
आपका बेईमान