मुसाफिर- ए- जिंदगानी,
रास्ता खोज, बुनियाद बनी, संघर्ष की,
जिन्दगी के सफ़र की,
मुकद्दर-ए-मंजिलों की तलाश,
पहुंची, इक मुकाम पर,
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इरशाद, दौरे-ए-सफ़र की,
यादें जिन्दादिली की हुई तरोताजा,
कशमकश---- मेहनत ---
कशमकश---- मेहनत ---
लगायी,
जान की बाज़ी,
सोचता हूँ,
क्या होता बमुश्किल, सफ़र-ए- संघर्ष
अगर,
अगर,
न भटकता कोई,
चक्रव्यूह मे इसके,
क्या याद रखता, ख़ताओं को अपनी,
सिखलाया तजुर्बे ने,
और चुना,
और चुना,
पाक-साफ़ रास्ता, चांदनी सा,
सुकून है दिल मे, आज,
कि
कि
न देखा, उन मंजिलों को,
जो दिखें,
बेईमान--बेईमान सी,
जो दिखें,
बेईमान--बेईमान सी,
बेगानी---बेगानी सी,
न सीखी, मजबूरी और---
निराश-ए-जिंदगानी,
लोट के भी, आ न सकू,
मंजिलें ईमान की पाने को,
वरना
निगलता, भटकाव का चक्रव्यूह,
धीरे-धीरे--- शने---शने--
कल---आज---और---कल.
************************* मुसाफिर क्या बेईमान
1 comment:
सोचता हूँ,
क्या होता बमुश्किल, सफ़र-ए- संघर्ष
अगर,
न भटकता कोई,
चक्रव्यूह मे इसके,
क्या याद रखता, ख़ताओं को अपनी,
सिखलाया तजुर्बे ने,
और चुना,
पाक-साफ़ रास्ता, चांदनी सा,...bahut hi behtareen abhivyakti
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