किया महसूस, काफी दिनों बाद
जब तमाम हुआ, काम
पहुँच इक मुकाम पर, आज
जिदो-जहद के बाद
क्या सुकून मिला, - - -
न की कल्पना, ख्वाबों मे,
झूमते रहें, मदहोश हुए,
हाँ,
यही है सुकून,
सच्चाई यही,
न मिल सके,
हाट- बाजार के शोरूम मे
सजे हुए बुत की तरह,
निकले दिल से, हर आवाज,
वो समझे इसे, मौन धारण किये,
सुने, दिल की हर धड़कन, धधकती हुई,
है यही सुकून, मानो दिल से,
थकान के बाद की---- मदहोशी
बिना होश की, मदहोशी,
हाँ- - - बेहोशी, बे--होशी सी,
मदहोशी - - - -
थकान के बाद की.
--- मुसाफिर क्या बेईमान
1 comment:
बेहद खूबसूरत थकान
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