वो बेचते, ईमानदारी को,
अपना ईमान समझ कर,
फूक डाला, घर को अपने,
ईमानदारी से, तरकीब से,
दिखाए करतब, अपनी ईमानदारी के
लगा-लगा कर बोली, ईमान की मंडी मे,
तराशा पत्थर, बनाया हीरा उसे,
कहते, जान हाज़िर है, आपकी खातिर,
लेकिन
वो घिस-घिस बनाये, धार छुरे की,
चलाये, ईमानदारी से,
करें हलाल, मुझे
पूछा,
चलाये, ईमानदारी से,
करें हलाल, मुझे
पूछा,
कयामत के दिन, अपने से,
कौन है, ईमान का रखवाला,
वो जो करे,
कौन है, ईमान का रखवाला,
वो जो करे,
ईमान से हुआ,
हलाल - - और लाल-लाल,
न मिला जवाब, करूँ उसकी तलाश,
मिले तो बताना, ईमान से,
ईमान को - - -
मिले तो बताना, ईमान से,
ईमान को - - -
ईमानदारी का.
--------- मुसाफिर क्या बेईमान
3 comments:
वो बेचते, ईमानदारी को,
अपना ईमान समझ कर,
फूक डाला, घर को अपने,
ईमानदारी से, तरकीब से,
kya baat kahi hai, dam hai
lage raho
पूछा, कयामत के दिन, अपने से,
कौन है, ईमान का रखवाला,
वो जो करे, ईमान की मंडी मे दलाली,
ईमान और ईमानदारी दोनों का घनिष्ठ सम्बन्ध है ...दोनों एक सिक्के के दो पहलु हैं ....जिसे अपने ईमान की चिंता है वह निश्चित रूप से ईमानदार भी होगा ...आपका आभार
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