- जीवन रुपी यज्ञ मे परमात्मा आपके साथ है. इसी यज्ञ से आपकी अच्छाईयों को, आपके ज्ञान को मजबूती मिलेगी.
- यज्ञ मे आये विघ्नों को पार करना है. ये विघ्न क्रोध, लालच, स्वभाव, अहंकार, एम लेस (बिन लक्ष्य) आदि के रूप मे आते है.
- इस जीवन के अविनाशी रूद्र यज्ञ मे किन-किन कारण से विघ्न पड़ते है --- वो एक मात्र है - - -
- ॐ शांति का अर्थ है- अहम् आत्मा (प्रत्येक) भी शांति स्वरुप है. योग और ध्यान (YOGA & MEDITATION) करें.
- YOGA IS THE SOURCE OF INNER STRENGTH.
- MEDITATION IS THE SOURCE OF RELAXATION.
- YOU CAN FIGHT ALL EVILS & DEVILS THROUGH YOGA AND MEDITATION.
- है पतित पावन, आओ पावन बनो.
नया सो पुराना--- इस चक्र को समझो, क्यों की इस चक्र को चलते रहना है.
- परमात्मा से ही ज्ञान को ग्रहण कीजिये. पतित से पावन गंगा नदी मे नहाने से नहीं होता है, सिर्फ ज्ञान से ही पावन बनोगे. और नई दुनिया का निर्माण करेंगे व् बसायेंगे.
- ईश्वर से योग लगा कर योगेश्वर बनो.
- परमात्मा धोबी सामान है, जो आपको पतित से पावन बनायेंगे.
- मुख से सदेव ज्ञान अमृत निकालना है, और उसे ही गति देनी है.
मुसाफिर क्या बेईमान
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