Monday, October 10, 2011

आज का सन्देश (Monday, October 10, 2011)




·  मै करता हूँ ---- कभी भी मुख से न निकले.
·  स्व-चिंतन को अच्छे से करें. इसे व्यर्थ-चिंतन या पर-चिंतन मे व्यर्थ न करें.
·  विशाल, रहम और सच्चा दिल बनाइयें. कल या पुरानी बातों को दिल मे न रखें. पुरुषार्थ कर परमात्मा को दिल मे बसायें.
·  पुरानी बातों को भूलें. बुद्धि  को नियंत्रित रखे.
·  पल-पल माया आपको फ़िक्र करवाएगी और आपको अपने मार्ग से भटकायेगी, मत भटको. माया के तूफ़ान मे न फंसे.
·  अपना भाग्य गवां कर, दूसरों का भाग्य क्या बनाओगे. अपना ही भाग्य गवायेगे.
·  अनहोनी की चिंता से निकले, वो तो हो गयी. अब क्यों चिंता करें.
चिंतन-चिन्तन- करत के, व्यर्थ दिवस गवाएं.

जो नुकसान होना था, वो तो हो गया. PAST IS PAST.
इसे समझिये और बुद्धि  मे ज्ञान को आने दीजिये. पुरुषार्थ कीजिये. पुरुषार्थ कर, अच्छे राहपर चल, शांत रहना है.
                 --------मुसाफिर क्या बेईमान 

1 comment:

केवल राम said...
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