दुखों से भरी दुनिया में वास्तविक सम्पति धन नहीं, संतुष्टता है.
- सदा ईश्वरीय नियम पर चलने का, और व्यव्हार मे एक-दूसरे को REGARD देने का RECORD जरूर बनायें. ख़ुशी और सुख मे भी अंतर है. ख़ुशी तो कम हो सकती है, लेकिन अतेन्द्रिय सुख पाएंगे तो सुध-बुध खो देंगे.
- ELDERS को, SAME AGE GROUP को REGARD देना है. YOUNGERS को आगे बढाने का RECORD कायम करें.
LIFE मे ACCURACY भी MARKS बढाती है और STABLE MIND बनते है,
पुरुषार्थ मे दृढ़ता आती है.
मेरे सामने IDEAL कौन है ? ? ? DECIDE कर जाने.
मेरे सामने IDEAL कौन है ? ? ? DECIDE कर जाने.
- ऐसे कभी EGO समाप्त नहीं होता है ? निर्विकारी, निरंकारी बने. इसे REVISE नहीं किया तो REALIZE नहीं किया. अपने आप को पूछो, WHO I AM ? ? ?
- कभी अपनी विशेषताओं पर अभिमान न करें. शब्दों मे न आ कर अपने सव्मान मे रहें, एकाग्रता की शक्ति को संग्रह करे. सुनो, REVISE करो, फिर उसे REALIZE करो, तो सत्यता प्रमाणित होगी, अपने स्वरूप (NATURE ) का ANALYSIS होगा.
- तिल (काला या सफ़ेद) जितनी कडवी बात भी मन-दिल से लगा किया, तो BRAIN -DEAD हो जाता है, छोटे-छोटे तिलों की कड़वाहट को दिल-मन मे रख कर उसका पहाड़ न बनायें. इसलिए तिलों मे गुड मिला कर खाएं और मुक्ति को प्राप्त करें. सारी कड़वाहट मिठास मे बदल दें वर्ना दिल, मन, दिमाग कड़वाहट से भर जायेंगे.
स्थूल के साथ सूक्ष्म सागरीय मे सफलता पानी है तो FIRST CHALLENGE कौन से है? उसको जाने.
- असंभव को संभव बनायें. जो अपने संस्कारों से मजबूर है, आपकी रचना भी वैसे ही होगी. इस मजबूरी को CHALLENGE करें, तो जिम्मेदार PURE , RESPONSIBLE विद्यार्थी, शिक्षक, गुरु, भाई-बहिन, पति-पत्नी, अच्छे सिटिज़न बनेगें.
- आपके संकल्पों और कर्मों को CHECK करने के लिए माया CID भी करेगी. MIND CONTROL KA EXAMINATION हो सकता है? विशेष परिस्थितियों मे EXAMINATION होना है. मायावी लोग CID करने आएंगे, कोई सिपाही, कोई साधू, तो कोई मित्र, दोस्त, हमसफ़र के भेष में आयेंगें, आपको सत्य के मार्ग से विचलित नहीं होना है. योग ज्ञान करों, मेहनत कर पुरुषार्थी बनो. लगनशील बनो. अपने जीवन की STAGE (रंगमंच) को CLEAN करें, उसे मजबूत बनायें.
- स्वभाव और विचारों मे अंतर होते हुए भी स्नेह में अंतर नहीं होना चाहिए. आप घर से दूर जिस प्यार की बूँद के प्यासें है, परमातम /TEACHER उसे पूरा करतें है. BRAIN CLEAN करें और मन से गुरु को गुरु मान, वर्ना गुरु-ज्ञान के बिना ही अधूरी शिक्षा लिए, इस भौतिकवादी समाज, देश, दुनिया में भटकते रहेंगे.
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