Monday, January 9, 2012

आज का सन्देश (09 .01 .2012 )

  •  कोई भी घटना, झगडा, दुर्घटना जो अपने मन मे बसाया हुआ है, वो परमात्मा / साथी के हवाले कर दें. जो मन मे अटका हुआ है, उससे आप साथी की याद मे कैसे रह सकतें है. दिल मे जो अटका हुआ है वो मुझे (परमात्मा) अर्पित कर दें, तभी तो आप अपनी झोली को खुशियों से भर पाएंगे. मेरी झोली मे सारे विकर्म, झगड़ों का दुःख-दर्द डाल दो, और मैं वरदानो से आपकी झोलीओं को भर दूंगा. मन की ठेस, मन की पीड़ा हो , उसे लेकर मेरे अंदर डुबकी मरो, स्वच्छ हो जाओगे.
  • परमात्मा/साथी से सच्ची मोहब्बत रखनी है, तभी सम्पूर्ण स्नेह के अधिकारी बन पाओगे.
जीवन की सबसे बड़ी ताजगी लेने के लिए 
कौन से पुरुषार्थ करतें चले? ? ?
एक पर-लौकिक साजन की याद करने और
उसकी श्रीमत पर चलने का पूरा पुरुषार्थ करें.
  • किसी के नाम मे बुद्धि अटकी है, वहां से बुद्धि हटाओ. रात को जब फुर्सत मिले, तो चिंतन कर अटके हुए काटों को निकालें, अगर मालूम होते हुए भी नहीं करें, काटों से हुए जख्म कहीं नासूर न बन जाएँ? ? ?  ज्ञान मे HEALTHY , WEALTHY बने.
  • दुःख तो यहीं बसा है, परमात्मा/साथी आपको दुःख से निकालने आया है. मन मे जो बोझ अटका हुआ है, उससे आप आवेश मे रहतें है.ये गुस्सा कहीं परमात्मा/साथी पर तो नहीं निकाल रहे? परमात्मा/साथी से ये बोझ share करें, मुक्ति मिलेगी. फिर पूर्ण श्रीमत पर चलेंगे, या पूर्ण आसुरी-मत (रास्ते) पर चलोगे.
  • जीवन से नफरत निकालें, परमात्मा/साथी से सच्चे प्यार के भागीदार बनो. परमात्मा/साथी से प्यार नहीं, तो ये आसुरी प्यार है.
प्रतिज्ञा करो, परमात्मा/साथी से सच्ची महोब्बत  करें.
आसुरी शक्तियां आपको फूल, तोहफे आदि देकर मोह-माया मे फसायेंगे,
फिर आपकी बलि दे देगा.
  •  स्वयं को पहचाने. किसी के मत-OPINION में न चलें. ज्ञान होते हुए भी अज्ञानी सा वर्ताव न करें.
  •  परमात्मा की अवज्ञा करेंगे तो श्राप मिलेगा. अपना-अपना भाग्य है, ज्ञान वर्षा में नहाएं, भाग्य को कुलीन, स्वच्छ बनाएं. ये भी कहा गया है- "हम तो डूबेंगे ही, तुम्हे भी ले डूबेंगे सनम."
  •  कई बार हम बच्चें अपनी बुद्धि लगाते है, परमात्मा/साथी के सामने. साथी वास्तविकता बता देतें है, फिर भी क्रोध, अज्ञान का बोझ नहीं निकालेंगे, तन, मन से पतित ही रहेंगे.  
  •   परमात्मा पतित से पावन बनातें है, इसे समझो, जानो और मानो. जो आसुरी गुण अंदर समां गए है, उसे VOMIT कर स्वच्छ ज्ञान से मन की गंगा को पावन करें.
यही WONDER है, जिसे समझेंगे, तो मानेगें,
वरना ज्ञान मे अज्ञानी सा वर्ताव तो NORMAL है.
  • ये बातें आप जानते है, लेकिन किसी नाम से प्रीत कर बुलबुल बन व्यभिचारी हो गए है. माया तो आपकी बुद्धि को भटकाएगी, स्वयं को भूखा रख unlimited FAST करेंगे, पारलोकिक परमात्मा/साथी को याद करें, उनके गुणों को याद रखें. भूखे-प्यासे रहने का जरुरत नहीं पड़ेगा. सद-बुद्धी बनेगें. इन्हें सहज कर मन-बुद्धी मे रखें.
  •  प्रबल माया से बाहर निकालने मे बड़ी मेहनत लगती है. LIFE  के नाटक में सुख-दुःख का DRAMA लिखा हुआ है, इसको जानते हुए भी श्रीमत पर चलेंगे, कल्याण होगा.
  •  AIM , OBJECT भी पता है, मायावी असुर को निकाल ज्ञानवान व् ऊँचा पद हासिल करें. हनुमान भगवन राम के भक्त हैं, और चरणों मे बैठें रहते हैं. लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न ने JEALOUSY मे भगवन राम को काम की LIST बना दी और कहा कि "ये कार्य हम करेंगे". ताकि हनुमान को वहां से  उठाया जा सके. भगवन राम ने लिस्ट हनुमान को दे दी और ये कहा कि अब सभी कार्य करेंगे. हनुमान ने कहा, "भगवन आपको जब नींद  आती है, मुझे ही छींक मार कर उठाना पड़ता है. ऐसे हनुमान ने अपनी SEAT को पक्का रखा. आप भी साथी के सतत प्रयास से अपनी SEAT को पक्का रखें.
मुसाफिर  क्या  बेईमान   

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