न छूआ, नशे को,
कभी भी,
फिर भी झूमता हूँ,
बेफिक्र, बेखोफ,
खोया, खोया सा,
अपने मे ही,
देखता ख्वाब, गुनगुनाते हुए,
रचा उस नशे मे, स्वयम्बर उससे,
दस्तक हुई, रखे कदम, बिन आहट के,
भोर की किरणों ने,
टूटा नशा, इक नशे जैसा,
ढूँढता हूँ, सोचते- - - सोचते,
न मिला कोई सुराग, नशे का,
वो कहें, उसे,
पागलपन या दिवालियापन,
दिल का,
कहते है, प्यार उसे,
सोचता हूँ, ढूँढते- - - ढूँढते. - - -मुसाफिर क्या बेईमान
भूला बैठे क़ी,
कुर्बान किया, दिल को
दिले---जान समझ कर,
लुटा दिया जहान,
अपना समझ कर,
वो हमें ही चले, लूट कर,
क्या कहें,
सिर्फ बेवफाई- - -शायद
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ले चले वो,
खजाना, दिलें-इश्क के समुद्र से,
कंगाल हुए, इश्क के मंजर में फंस कर,
न क़ी, उफ़ तक,
न इक, आह भी निकली
नहीं देखा,
काफिले को उसके मुड़कर,
न किया पीछा, उन रक्त भरे, स्याह निशानों का,
लहूलुहान किया, जिन कदमो ने दिल को मेरे,
और
भूला दिया, एक हसीं ख्वाब क़ी तरह
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साल बीता,
न कुछ यादें थी, उस हसीं लुटेरे क़ी,
लेकिन, कमबख्त, बदमिजाज दिल,
हाँ, इस चमड़े के दिल ने,
दिल को दिया था दिल,
और रोया, कमबख्त दहाडे मार के,
इक दिन, ये दिल,
होश संभाला तो पाया, आइ सी यू मैं
इस बदमिजाज दिल को,
न समझ पाए, दिल का डॉक्टर,
इस बदमिजाजी को,
कहा मैंने, दिल तो गया,
बेवफा क़ी बेवफाई से,
ये तो चमड़े का, लोथड़ा है, अब सिर्फ,
जिन्दा तो कर देंगे, आप इसे,
न धड़क पायेगा, फिर से दोबारा,
वैसा ही,
जैसा, चाहते है आप.
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लुट जाने के बाद,
क्या ना-उम्मीद करे, उम्मीद से,
नीलामी मे बिक गया, लूट का माल,
इस बे-दिली क़ी, मण्डी मे,
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ये आज का इश्क है, जनाब
बेसमझी न करना - - -
वरना, रह जायेगा, चमड़े का लोथड़ा
ये दिल,
हाँ, सिर्फ चमड़े का,
शायद ----.
ये सहना, प्यार मे,
लूट लेता है, अस्मत
छोड़ जाता है, यादें पीछे,
सिर्फ सहने को तनहा, तनहा.
क्या कहें इसे, खुदा की फितरत,
या कहें, अपनी ही खुदी है, किस्मत,
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वो चले गए, लूट कर प्यार मे,
क्या बन गए विजेता,
या,
लूट ले चले, अपनी ही तन्हाई और बेबसी,
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हमने किया न्योछावर, तन-मन प्यार मे,
उसे भूख थी, सिर्फ धन की, मेरे प्यार से,
ले चली आपने साथ---अकेले---अकेले,
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अश्रु निकल चले, फिर भी,
देख उनका, एकांत मे छटपटाना
क्या लूट चले, ---हमारा,
कुछ भी नहीं,
सिवाय, प्यार मे, दिए प्यार को,
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अब वो यादें, सहना भी,
बनती है, ताकत हमारी,
क्यों की, लुटा दिया प्यार मे,
इस खुदा की खुदी को.
इस हार मे, इक सुकून है, आनंद है,
किया प्यार, तो जान जायेंगे,
वर्ना मान जायेंगे,
मेरी कही, प्यार मे---प्यार से.
**** मुसाफिर क्या बेईमान